500 साल पुरानी शौर्य और विजय की परंपरा का निर्वहन नगर में रंगपंचमी पर 12 मार्च को गेर के रूप में होगा। इस दौरान ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से शाम सात बजे ध्वज पूजन के बाद श्री महाकालेश्वर वीरभद्र ध्वज चल समारोह निकाला जाएगा।
चल समारोह में राजभवन के ध्वज के साथ बैंड बाजे भी शामिल रहेंगे। वहीं, चल समारोह का प्रमुख आर्कषण भगवान वीर भद्र का रथ व भगवान महाकाल की झांकी आस्था का केंद्र रहेगी। इस दौरान महाकाल मंदिर के साथ ही सिंहपुरी, कार्तिक चौक तथा भागसीपुरा से भी चल समारोह निकाले जाएंगे।
यह रहेगा प्रमुख आर्कषण
चल समारोह में हाथी, घोड़े, ऊंट, बग्घी, चांदी का ध्वज, जरी के 21 ध्वज, श्री वीरभद्र भैरवनाथ के रथ के साथ चलित झांकियां, उज्जैन, इंदौर सहित देश के कई बैंड की धार्मिक, राष्ट्रीय गीतों और भजनों की स्वर लहरियों, नासिक-पुणे का 75 सदस्यीय ढोल-ताश पार्टी दल थाप लोगों को मंत्रमुग्ध करते नजर आएंगे।
महाकाल की गेर में नगरवासियों को देश के कई राज्यों की धर्म, संस्कृति एवं वाद्य यंत्रों की झलक देखने को मिलेगी। करीब दो किलोमीटर लंबी महाकाल की आकर्षक गेर तोपखाना, दौलतगंज, फव्वारा चौक, नई सड़क, कंठाल, सती गेट, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए महाकाल मंदिर पर संपन्न होगी। चल समारोह में महाकाल मंदिर के पुजारी, पुरोहित, श्रद्धालु शामिल होंगे।