तभी चार लोगों के जिंदा जलने की सूचना सद्दाम और नौशाद के परिजनों को मिली। उन्होंने इनके मोबाइल पर कॉल की तो बंद आए। इस पर उन्हें चिंता हुई और वह रुड़की घटनास्थल पर पहुंचे। वहां पर सद्दाम की बाइक खड़ी मिली। इसके बाद परिजन सिविल अस्पताल पहुंचे और दोनों की शिनाख्त की।
अस्पताल पहुंचे परिजनों ने बताया कि सद्दाम के छोटे भाई की बुधवार को शामली के एक गांव में बरात जानी थी। सोमवार की शाम को मेहंदी की रस्म थी। बरात में आतिशबाजी के लिए वह नौशाद के साथ पटाखे खरीदने रुड़की आया था। नौशाद बरात में आतिशबाजी छोड़ने का काम करता है। उसे ही फैक्टरी की जानकारी थी।
धमाके के शोर के बाद एक के बाद एक लाशें निकाली गई तो फैक्टरी से लेकर सिविल अस्पताल तक चीख-पुकार मच गई। सोमवार सुबह हुए अग्निकांड ने किसी का बेटा, किसी का भाई तो किसी के सिर से पिता का साया छीन लिया।
अस्पताल में एक के बाद चार लाशें पहुंची तो माहौल गमगीन हो गया। महिलाएं और बच्चियां बदहवास हालात में अस्पताल के बाहर अपनों की याद में आंसू बहा रही थी जिसे देखकर हर किसी का कलेजा पसीज गया।
ऐसा ही मंजर हादसे के बाद पटाखा फैक्टरी के बाहर भी दिखा। हर कोई फैक्टरी में लगी आग और उसमें जिंदा जले लोगों को देखकर खौफ में था। लोगों का कहना था कि इतना भयानक मंजर उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा।