लाल स्टिकर लगे कई मकान नृसिंह मंदिर वार्ड में प्रभावित हैं। यहां एक प्रभावित के मकान पर लाल स्टीकर लगाया गया है। परिवार घर छोड़कर दूसरी जगह जाना चाहता है लेकिन प्रशासन उन्हें राहत राशि नहीं दे रहा है। उन्हें उसी मकान में रहने को कहा जा रहा है। कहा कि अगर मकान सुरक्षित है तो लाल रंग का स्टीकर क्यों लगाया गया है।इस मकान में दो परिवार रहते हैं। नृसिंह मंदिर वार्ड के अनिल नंबूरी का कहना है कि 15 जनवरी को उनके मकान को असुरक्षित घोषित करते हुए लाल स्टीकर लगा दिया गया। उस समय वह नगर से बाहर थे। पत्नी ने फोन पर बताया कि मकान को असुरक्षित घोषित कर दिया है और जल्द से जल्द खाली करने को कहा जा रहा है। जब वह लौटे और तहसील में जाकर पता किया तो उन्हें बताया गया कि तुम्हारा मामला दूसरा है।

अभी वहीं रह सकते हो। उनके मकान में बड़ी-बड़ी दरारें हैं। इसी मकान में रहने वाली अंजना नंबूरी का कहना है कि जब घर सुरक्षित है तो यहां असुरक्षित वाला स्टीकर क्यों लगाया गया है। इस मामले में जिलाधिकारी हिमांशु खुराना का कहना है कि लाल स्टीकर वाले प्रभावित परिवार को उसी घर में रहने के लिए नहीं कहा गया है। मामले को दिखाया जाएगा। पुनर्वास की मांग को लेकर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का धरना जारी है। तहसील परिसर में धरना दे रहे प्रभावितों ने जल्द से जल्द पुनर्वास और मुआवजा देने के साथ ही एनटीपीसी की परियोजना और हेलंग मारवाड़ी बाईपास बंद करने की मांग की। 

वहीं पिछले एक सप्ताह से जेपी कॉलोनी में पानी का रिसाव घटकर 17 एलपीएम पर स्थिर है। जबकि शुरुआत में यहां पानी का रिसाव 540 एलपीएम था।

जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मौके पर जाकर पानी के रिसाव की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने यहां बदरीनाथ हाईवे की स्थिति को सुधारने के निर्देश बीआरओ के अधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी ने पानी के रिसाव की नियमित रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी कहा।

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