- इस पहल से राज्य में शहरी पेयजल प्रणाली में होगा सुधार
देहरादून। जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी (जाएका) ने उत्तराखंड में शहरी जलापूर्ति प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए 16,211 मिलियन येन (लगभग 914 करोड़ रु) के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। राज्य में जलापूर्ति संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने के लिए जाएका ने समुदायों के सामने पेश आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए संकल्प जताया है और साथ ही, यह सतत विकास लक्ष्यों तथा जलवायु परिवर्तन से बचने की क्षमताओं के निर्माण में भी सहयोग देगी।
भारत की बढ़ती आबादी और त्वरित आर्थिक विकास तथा शहरीकररण के मद्देनज़र, देश में जल संसाधनों पर दबाव बढ़ा है। हिमालयी राज्य उत्तराखंड देश के मैदानी भागों के लिए जलापूर्ति के लिहाज से महत्वपूर्ण है, लेकिन इसकी खास भू-संरचना और जलवायु विविधताओं की वजह से इसके सामने कई चुनौतियां खड़ी हैं। विकास के मोर्चे पर आगे रहने के बावजूद, उत्तराखंड की एक बड़ी आबादी पेयजल की समस्या से जूझ रही है, खासतौर से राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में महिलाओं तथा बच्चों को दूरदराज से पानी ढोने की समस्या से दो-चार होना पड़ता है।
उत्तराखंड की विकास संबंधी योजनाओं और जल नीति लक्ष्यों के अनुरूप, उत्तराखंड में शहरी जलापूर्ति प्रणाली में सुधार की परियोजना का उद्देश्य राज्य में जल संबंधी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाना, सुरक्षित पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करना तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने की क्षमता पैदा करना है। इस परियोजना के तहत् राज्य के 11 जिलों के 38 शहरों में काम किया जाएगा, और हरिद्वार, टिहरी, अल्मोड़ा तथा पिथौरागढ़ जिलों पर प्राथमिकता के आधार पर ध्यान दिया जाएगा। वर्ष 2024 में करीब 7 लाख की आबादी को इससे लाभ पहुंचने का अनुमान है।
इस परियोजना में, पम्पिंग और ग्रैविटी फ्लो डिस्ट्रिब्यूशन प्रणालियों के विकास समेत जलापूर्ति संबंधी ढांचागत सुविधाओं को उन्नत बनाने के साथ-साथ कुंओं से पानी निकालने की प्रणालियों को बेहतर बनाने पर आवश्यक रूप से जोर दिया जाएगा। इसेक अलावा, परियोजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कंसल्टिंग सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी और साथ ही, परिचालन एवं रखरखाव गतिविधियों को मजबूत बनाने के अलावा घरेलू कनेक्शनों को बढ़ावा दिया जाएगा। इस परिरयोजना के पूरी होने पर उत्तराखंड के बाशिन्दों के जीवन में काफी सुधार आने की उम्मीद है, और उन्हें स्थिर जलापूर्ति उपलब्ध होगी जो सीधे-सीधे उनके स्वास्थ्य पर असर डालेगी और उनके सामाजिक-आर्थिक अवसरों को भी बेहतर बनाएगी।
इस परियोजना के लिए, विकास शील, अतिरिक्त सचिव, आर्थिक मामलों का विभाग, वित्त मंत्रालय एवं साइतो मित्सुनोरी, प्रमुख प्रतिनिधि, जाएका इंडिया ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर, साइतो मित्सुनोरी, प्रमुख प्रतिनिधि, जाएका इंडिया ने कहा कि भारत सरकार के साथ जाएका की पार्टनरशिप, जल आपूर्ति और स्वच्छता जैसी बुनियादी सामाजिक सेवाओं पर जोर देने के साथ-साथ सतत (सस्टेनेबल) और समावेशी विकास को समर्थन देने की जापान की प्रतिबद्धता की सूचक है। यह परियोजना गंभीर चुनौतियों को परस्पर सहयोग से निपटाते हुए, फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक पार्टनरशिप जापान के व्यापक विदेशी नीति प्रयासों का हिस्सा है।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के अलावा, जाएका और उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम (यूकेपीजेएन) ने परियोजना के संचालन के लिए इनोवेटिव टैक्नोलॉजी को शामिल करने के लिए पायलट एक्टिविटी से निजी निकायों को जोड़ने पर भी सहमति जतायी। इस गतिविधि का उद्देश्य परियोजना कार्यान्वयन को अधिक प्रभावी बनाना, सर्विस डिलीवरी को बेहतर बनाना तथा कम सुविधाप्राप्त तबके को लाभ पहुंचाना है।