उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलसचिव के पद तैनात डॉ. राजेश कुमार अदाना को अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी कर शासन के आदेशों का अनुपालन न करने पर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही 24 घंटे के भीतर मूल तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए आखिरी मौका दिया है। आयुर्वेद विभाग में चिकित्साधिकारियों को नियुक्ति करने का प्राधिकारी शासन है। डॉ. राजेश कुमार अदाना का मूल विभाग आयुर्वेद है। पूर्व में उनकी तैनाती राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय रणाकोट पौड़ी जिले में थी। लेकिन संबद्धता के आधार पर आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कार्यरत है।
बीते वर्ष शासन ने सभी आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों और कर्मचारियों की संबद्धता समाप्त कर मूल तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण के आदेश जारी किए थे। इसके बावजूद विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर समेत गुरुकुल व ऋषिकुल परिसर में संबद्धता तैनात डॉक्टरों मूल तैनाती स्थान पर नहीं गए। इस पर शासन ने कड़ा संज्ञान लेते हुए 24 घंटे के भीतर बिना कुलपति की अनुमति के रिलीव होने के आदेश दिए। 22 डॉक्टरों ने अपने मूल तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण किया, लेकिन डॉ. राजेश कुमार अदाना विश्वविद्यालय में कुलसचिव की कुर्सी नहीं छोड़ी। इससे पहले 23 दिसंबर 2022 और 3 जनवरी 2023 को भी उन्हें शासन की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
शुक्रवार को अपर सचिव आयुष डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने डॉ. राजेश कुमार को अंतिम कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसमें शासन के आदेशों का पालन न करने पर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया। इसके साथ ही उन्हें 24 घंटे के भीतर मूल तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने की चेतावनी दी गई। जवाब न मिलने पर शासन की ओर से कर्मचारी आचरण नियमावली व उत्तराखंड सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली के तहत कार्रवाई की जाएगी।