ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ करने के लिए अदालत से इजाजत ली थी जिसके बाद अब एजेंसी उनसे तिहाड़ जेल में सवाल-जवाब करने के लिए पहुंच गई है। सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी उनसे पूछताछ कर रही है। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। सिसोदिया से पूछताछ शुरू हो चुकी है।

सिसोदिया पर क्या हैं आरोप

सिसोदिया और आप के अन्य सदस्यों के खिलाफ सीबीआई का आरोप है कि उन्होंने रिश्वत के बदले कुछ व्यापारियों को शराब के लाइसेंस दिए। यह आरोप लगाया गया है कि उत्पाद शुल्क नीति में इस तरह से बदलाव किया गया जिससे कुछ व्यापारियों को लाभ हुआ और इसके बदले रिश्वत प्राप्त हुई।

दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद कथित घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई ने मामले दर्ज किए। रिपोर्ट में दावा किया गया कि उपमुख्यमंत्री ने वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया और एक ऐसी नीति अधिसूचित की जिसके महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव थे।

हालांकि सीबीआई की चार्जशीट में सिसोदिया का नाम नहीं था, लेकिन जांच उनके और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ खुली रही आप ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि सिसोदिया निर्दोष हैं। वहीं सिसोदिया ने कहा कि नीति और उसमें किए गए बदलावों को एलजी ने मंजूरी दी थी और सीबीआई अब एक चुनी हुई सरकार के नीतिगत फैसलों पर काम कर रही है।

यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था जब सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और उन्हें पहले दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा।

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