वन दरोगा भर्ती धांधली में आरोपी सचिन की जमानत को जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया है, साथ ही बार काउंसिल से कहा है कि वह सचिन के अधिवक्ता पर भी कार्रवाई करे। सचिन ने गलत तथ्य प्रस्तुत कर लोअर कोर्ट से जमानत पाई थी।

आयुष अग्रवाल एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि ऑनलाइन हुई इस भर्ती परीक्षा में धांधली का पता चलने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनमे से रुड़की के शंकरपुरी निवासी सचिन का नाम भी शामिल था। जिस लैब से नकल कराई गई थी सचिन उसमें टेक्नीशियन के पद पर तैनात था। सचिन ने जमानत के लिए लोअर कोर्ट में अपील की थी। इसमें उसके अधिवक्ता की ओर से जमानत के लिए गलत तथ्य प्रस्तुत किए थे।

इस पर 02 दिसंबर 2022 को उसे जमानत मिल गई थी। इसके विरोध में एसटीएफ ने जिला न्यायालय में अपील की थी। न्यायालय ने अपील को सुनने के बाद जमानत का आधार गलत पाया। इसके बाद सचिन की जमानत रद्द कर दी गई। इसके अलावा जिला न्यायालय ने अधिवक्ता के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए बार काउंसिल को निर्देश दिए है।