रेट्रोफिट सॉल्यूशन तकनीक में यूनिवर्सिटी की इंजन लेबोरेटरी के अनुसार डीजल वाहनों से उत्सर्जित प्रदूषण को घटाकर न्यूनतम स्तर पर लाया जाता है। परिवहन मंत्री की मौजूदगी में इस प्रोजेक्ट को सराहा गया। इस तकनीक से उम्र पूरी कर चुके डीजल वाहनों को नई जिंदगी मिल सकती है और उन्हें फिर से सड़कों पर दौड़ने लायक बनाया जा सकता है।

रेट्रोफिट सॉल्यूशन तकनीक 15 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को नई जिंदगी देगी। तकनीक के इस्तेमाल से बीएस-6 की तरह वाहन कम प्रदूषण उत्सर्जित करेंगे। यह तकनीक यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज के मेकेनिकल क्लस्टर ने तैयार की है।

परिवहन विभाग की ओर से वाहनों से निकलने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए आयोजित कार्यशाला में इस प्रोजेक्ट को पेश किया गया। यूनिवर्सिटी की इंजन लेबोरेटरी के अनुसार इस तकनीक में डीजल वाहनों से उत्सर्जित प्रदूषण को घटाकर न्यूनतम स्तर पर लाया जाता है। परिवहन मंत्री की मौजूदगी में इस प्रोजेक्ट को सराहा गया।

इस तकनीक से उम्र पूरी कर चुके डीजल वाहनों को नई जिंदगी मिल सकती है और उन्हें फिर से सड़कों पर दौड़ने लायक बनाया जा सकता है। प्रो. डॉ. अजय कुमार ने बताया कि पुराने वाहनों में डीजल जलने के बाद उससे निकलने वाली जहरीली गैस वायुमंडल में जाकर प्रदूषण फैलाती है। इसे साफ करने के लिए इस तकनीक में विशेष फिल्टरों का प्रयोग किया जाता है।