डा.गीता की अध्यक्षता में आयोग का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर आयोग ने अपने अब तक के कार्य और अनुभवों को साझा किया। सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में मीडिया से वार्ता में अध्यक्ष ने कहा आयोग ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं कि आरटीई की अनदेखी करने वाले इन स्कूलों बाहर बोर्ड लगाया जाए कि इन स्कूलों की मान्यता का मामला चल रहा है ताकि नए शिक्षा सत्र में बच्चे परेशान न हों।
अध्यक्ष ने कहा शिक्षा विभाग निजी स्कूलों की ठीक से निगरानी नहीं कर पा रहा है। विभाग के पास काम का दबाव है। आयोग की ओर से शिक्षा विभाग को कहा गया है कि इसकी निगरानी के एक नोडल अधिकारी बनाया जाए। जो आयोग के साथ मिलकर काम कर सके। आयोग की अध्यक्ष ने 70 बाल विधायकों के चयन और इनके माध्यम से किए गए कार्यों की भी जानकारी दी। इस मौके पर आयोग के वरिष्ठ सदस्य विनोद कपरूवण, ममता रौथाण आदि मौजूद रहे।