नकली दवाई

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नकली दवाई: राजधानी देहरादून में बैठकर झबरेड़ा की एक फैक्ट्री मे दिल्ली की दवाई निर्माता कंपनी के नाम पर नकली दवाई बनाकर राजधानी देहरादून से दिल्ली,लखनऊ, कलकत्ता आदि शहरों में बेच लोगो की जान से खिलवाड़

नकली दवाई

 

राष्ट्रीय लोक संवाद (न्यूज़ डेस्क) : 15 अक्टूबर 2023

नकली दवाई: राजधानी देहरादून में बैठकर झबरेड़ा की एक फैक्ट्री मे दिल्ली की दवाई निर्माता कंपनी के नाम पर नकली दवाई बनाकर राजधानी देहरादून से दिल्ली,लखनऊ, कलकत्ता आदि शहरों में बेच लोगो की जान से खिलवाड़ करने के नाम पर करोड़ो का मुनाफा कमाने वाले दो अभियुक्तो पर दून पुलिस ने सर्जिकल स्ट्राइक कर गिरफ्तार किया।

अभियुक्तो के पास से उन्तीस लाख से ज्यादा नकली दवा/कैप्सूल्स, लाखो की मशीनों को जब्त किया है, इसके साथ ही अभियुक्तो द्वारा नकली दवाईयों के व्यापार से कमाई गयी गाड़ियों व रुपयों को भी फ्रीज कर दिया है। दवाई निर्माता कंपनियो व लैब में काम कर चुके दोनो अभियुक्तो द्वारा कोरोना में नौकरी चली जाने के बाद पैसा कमाने को इस पूरे रैकेट का संचालन किया जिससे अब तक वह दोनों करोड़ो की संपत्ति, जमीन,गाड़ियां खरीद चुके है।

पुलिस कप्तान अजय सिंह ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि कल शनिवार को गुड़गांव निवासी विक्रम रावत ने थाना रायपुर में शिकायत देते हुए बताया था कि वह जैगसन पाल फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के डिप्टी मैनेजर है व सचिन शर्मा द्वारा अमन विहार देहरादून स्थित एस0एस0 मेडिकोज से अपने साथियों के साथ मिलकर उनकी कंपनी के नाम पर जालसाजी, कूटरचना व धोखाधडी कर नकली व मिलावटी दवाईयों अलग अलग राज्यो में बेची जा रही है। नकली दवाईयों की उक्त शिकायत पर पुलिस कप्तान अजय सिंह द्वारा तुरंत एक्शन लेते हुए सीओ डोईवाला के नेतृत्व में थाना रायपुर व एसओजी की एक टीम गठित करते हुए तुरंत रैकेट का भंडाफोड़ करने को कहा।

जिस पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त अभियुक्त सचिन शर्मा के सम्बन्ध में जानकारी की तो उसकी अमन विहार में मेडिकल शॉप होने की पुष्टि हुई। पुलिस टीम द्वारा फौरन कार्यवाही करते हुए सचिन शर्मा (40) पुत्र नरेन्द्र कुमार शर्मा, मंगलौर रुड़की हरिद्वार उसके पार्टनर विकास (32) पुत्र उदयवीर निवासी, जिला मुजफ्फरनगर उ0प्र0, रायपुर के पास से उनकी रेंज रोवर कार समेत गिरफ्तार किया।

पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तो की कार से इन्डोकेप व इन्डोकेप एस0आर0 दवाईयों के 24 डिब्बे कुल 7200 कैप्सूल नकली दवाईयां बरामद की।
पुलिस कप्तान ने बताया कि अभियुक्तो की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में उनके द्वारा मकदुमपुर गांव निकट लकनौंता चौराहा झबरेडा,हरिद्वार में उनकी नकली दवाई बनाने की फैक्ट्री, तथा गोदावरी रूडकी स्थित फ्लैट में उनके द्वारा नकली दवाईयां व उससे सम्बन्धित सामाग्री होने की जानकारी दी, जिसपर पुलिस टीम व एसओजी द्वारा दोनो स्थानों पर छापेमारी करते हुए फ्लैट व फैक्ट्री से भारी मात्रा में नकली दवाईयाँ, नकली दवाईयां बनाने के उपकरण,नकली दवाईयां बनाने के लिये कच्चा माल व अन्य सामाग्री की बरामद की गयी है व मकदूमपुर हरिद्वार में स्थित फैक्ट्री को सील कर दिया गया है।

नकली दवाई

अभियुक्तो के अनुसार वह दोनों पूर्व से ही एक दूसरे से परिचित थे।सचिन शर्मा स्टेफफोर्ड लैबोरेट्री लिमिटेड भगवानपुर में,जहां दवाईयां बनती थी वहां सुपरवाइजर था,वहीं विकास कुमार जगसन पाल फार्मास्यूटिकल कम्पनी में हरिद्वार में मार्केटिंग का काम करता था। उक्त दोनों की कोरोना काल मे नौकरी छूट गयी,जिसके बाद उन दोनों ने स्वयं से जैगसन पाल कम्पनी एंव वर्लटर बूसनल कम्पनी की नकली दवाईयाँ तैयार कर मार्केट में बेचने का प्लान बनाया। चूंकि दोनो को दवाईयों की फैक्ट्री में काम करके दवाई बनाने व उन्हें बेचने को डीलिंग का काम आता था तो उनके द्वारा वर्ष 2022 से एक एस0एस0 मेडिकोँज नाम से एक फर्म खोली , जिसका प्रोपराईटर सचिन था। किंतु दोनो का उसमे 50-50 प्रतिशत का हिस्सा था।

उनके द्वारा जगसोन पाल की दवाईयाँ अपनी फैक्ट्री मकदूमपुर गाँव निकट लखनौता चौराहा झबरेड़ा में बनाई जाती, जहाँ उनके द्वारा उक्त फैक्ट्री में दवाईयाँ बनाने के लिये मशीने रखी गयी थी। उन लोगो के द्वारा हफ्ते में दवाई बनाने को कच्चा माल रोलेक्स फार्मा बाम्बे की एक कम्पनी से खरीदा जाता था,जिसका भुगतान ऑनलाइन होता था व उस माल को विजयलक्ष्मी ट्रांसपोर्ट से रुड़की लाया जाता था, जिसे वह रुड़की में उतारकर अपनी फैक्ट्री में ले जाते थे।फैक्ट्री में सचिन व विकास के द्वारा फार्मा स्यूटिकल कम्पनी एंव अन्य कम्पनी की दवाईयाँ को उनके कम्पोजिशन के आधार पर कुछ कम मात्रा में भरकर नकली दवाईयाँ बनायी जाती है। जिसे हम अपनी एस0एस0 मेडिकोज नाम की फर्म से सेल करते है। एस0एस0 मेडिकोज की फर्म बनाने के लिये सचिन द्वारा अपने नाम पर वर्ष 2022 में ड्रग लाईसेन्स लिया था। उनके द्वारा एसएस मेडिकोज नाम की फर्म का कार्यालय सहस्त्रधारा रोड़ में खोला गया था, जहाँ से हम लोग उक्त दवाईयो को दिल्ली, लखनऊ एंव कोलकाता आदि शहरो में बेचते थे। मार्केटिंग में अनुभव होने के चलते विकास के पहले से मेडिकल डीलरों से सम्पर्क थे जिसके चलते वह अलग अलग राज्यो में अपने यहां तैयार नकली दवाईयों को उन्हें देते थे।

उनके द्वारा हफ्ते में दवाई के 10 पेटी करीब 200 डिब्बे तैयार कर लिए जाते थे , जिन्हे बेचकर हमारे द्वारा करोड़ो रुपये का लाभ और कई सम्पत्तियाँ भी अर्जित की गयी है।अभियुक्तो के अनुसार उनके द्वारा रेंज रोवर कार सहित विकास के लिए रुड़की में 35 लाख रुपये का प्लाँट व 12 लाख रुपये की कीया सोनेट गाड़ी, उषा इन्क्लेव में 50 लाख रुपये का मकान व मकदूनपुर में फैक्ट्री के लिये 04 बीघा जमीन भी उसी नकली दवाई के व्यापार से अर्जित पैसों से लिया गया है।

अभियुक्तो द्वारा उक्त दवाईयों के लिये रेपर दिल्ली एंव भगवानपुर में एक व्यक्ति से 800 रुपये किलो के हिसाब से रेपर प्रिंट करवाये जाते थे, जिसके लिए उसके द्वारा कूटरचित बिल स्वयं अपने लैपटॉप में तैयार किये जाते थे। पुलिस द्वारा अभियुक्तो की कीया कार को भी जब्त किया गया है व उनकी संपत्ति का भी पूर्ण आंकलन कर उन्हें जब्त करने की तैयार कर रही है। पुलिस द्वारा उनके खातों को भी सीज कर दिया गया है व अभियुक्तो द्वारा पूर्व में कहां कहां नकली दवाईयां बेची गयी है उसकी जानकारी प्राप्त की जा रही है।