मेघालय में एक्टिव एचएनएलसी संगठन गैर कानूनी घोषित, केंद्र सरकार ने लगाया पांच साल का बैन
मेघालय स्थित उग्रवादी समूह हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) को केंद्र सरकार ने बैन कर दिया है। संगठन पर हिंसक घटनाओं में शामिल होने और भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है। ये बैन पांच साल के लिए लगा है।
नई दिल्ली (राष्ट्रीय लोक संवाद) : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मेघालय में सक्रिय HNLC संगठन को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) को देश के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होने पर गैरकानूनी घोषित करते हुए इसके ऊपर अगले पांच साल तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस मामले में गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि सरकार ने विधि विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 (1967 की 37) की धारा 3 की उपधारा (1) द्वारा मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ये कार्रवाई की। इस संगठन और इसके सभी गुटों, शाखाओं और अग्रणी संगठनों के साथ विधिविरूद्ध संगठन घोषित करते हुए इसके ऊपर 16 नवंबर से अगले पांच सालों तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
गृह मंत्रालय ने इसलिए लगाया बैन
गृह मंत्रालय ने बताया कि हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) संगठन अपने गुटों, शाखाओं और अन्य संगठनों के साथ मेघालय राज्य के क्षेत्रों में ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है। जो भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है। यह संगठन मेघालय राज्य के उन क्षेत्रों को जिनमें अधिकांश: खासी और जयंतिया जनजाति के लोग रहते हैं। उन्हें भारत से अलग करने की कोशिश की है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य विद्रोही समूहों के साथ संबंध
इस संगठन ने अपने रूप को बढ़ाने और अपनी गतिविधियों के लिए लोगों को डरा-धमकाकर पैसों की जबरन वसूली की। इसके लिए यह संगठन पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य विद्रोही समूहों के साथ संबंध बनाए रखे। 16 नवंबर 2019 से 30 जून 2024 के दौरान मेघालय राज्य में विस्फोट की या विस्फोटक रखने की कई घटनाओं और हिंसा समेत विभिन्न 48 घटनाओं में यह संगठन शामिल रहा। इस दौरान इसके 73 कैडरों की गिरफ्तारी हुई और तीन कैडरों ने आत्मसमर्पण भी किया।
अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा
अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार की यह भी राय है कि यह संगठन उपरोक्त गतिविधियों में शामिल रहते हुए भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है। इसे समय रहते रोका जाना और इसके उपर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है। नहीं तो यह फिर से संगठित होकर हथियारबंद होकर देश के खिलाफ अपने कैडरों का विस्तार करेगा।
इससे देश के नागरिकों और सुरक्षाबलों के जीवन और संपत्तियों को भी नुकसान होने का खतरा है। इस तरह से यह संगठन अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को तेज कर सकता है। इसलिए इस संगठन को गैर कानूनी घोषित करते हुए इसके उपर अगले पांच सालों तक और प्रतिबंध लगाया जाता है।