इजराइल में 5000 रॉकेट हमलों के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हमास के आतंकियों को इस्राइल पर हमले की बड़ी कीमत चुकानी होगी। इस्राइली वायुसेना ने गाजा पर मौजूद हमास पर जवाबी कार्रवाई की
राष्ट्रीय लोक संवाद (न्यूज़ डेस्क) : 07 अक्टूबर 2023
इजराइल ने हमास के हमलों के जवाब में गाजा पट्टी में उनके 17 मिलिट्री कंपाउंड और 4 मिलिट्री हेडक्वार्टर्स पर हमले का दावा किया है। इसमें अब तक 198 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है, जबकि 1600 से ज्यादा लोग घायल हैं। अलजजीरा के मुताबिक 1000 से ज्यादा फिलिस्तीनी इजराइल में घुस गए हैं। 1948 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है।
इजराइलियों को बनाया हमास ने बंधक
हमास ने दावा किया है कि उन्होंने इजराइली जनरल निमरोद अलोनी समेत कई लोगों को बंधक बना लिया है। बंधकों की संख्या इतनी है कि इनके बदले वो इजराइलियों की जेल में कैद सभी फिलिस्तीनियों को छुड़वा सकते हैं। इन्हें छुड़ाने के लिए ओफाकिम इलाके में इजराइली फोर्सेस ने एक घर को घेर लिया है। यहां वो हमास के लड़ाकों से बात कर रहे हैं।
वहीं, सुबह हमास की तरफ से दागे गए 5 हजार रॉकेट से अब तक 40 इजराइलियों की मौत हुई है और 750 घायल हैं। गाजा स्ट्रिप से हमले के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जंग का ऐलान किया था। कैबिनेट के साथ इमरजेंसी मीटिंग के बाद उन्होंने कहा था- ये जंग है और हम इसे जरूर जीतेंगे। दुश्मनों को इसकी कीमत चुकानी होगी।
इजराइलियों का ऑपरेशन ‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ ऑपरेशन ‘स्वॉर्ड ऑफ आयरन ‘
इजराइलियों का ऑपरेशन ‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ हमास ने ऑपरेशन ‘स्वॉर्ड ऑफ आयरन ‘ नाम दिया है। वहीं इजराइली सेना ने हमास के खिलाफ ‘स्वॉर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया है। येरूशलम पोस्ट के मुताबिक, हमास लड़ाकों ने कई इजराइली कस्बों पर कब्जा कर लिया है। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा- ये हमला येरूशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। सेना हमास के ठिकानों पर हमले कर रही है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइलियों के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
भारतीय एम्बेसी ने वहां मौजूद अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की
भारतीय एम्बेसी ने इजराइल में बिगड़ते हालातों के बीच वहां मौजूद अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्हें सतर्क और सुरक्षित रहने को कहा है। साथ ही इजराइल से भारत आने और जाने वाली फ्लाइट्स को रोक दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि मुश्किल घड़ी में भारत इजराइल के लोगों के साथ है।
इस्राइल में हालात नाजुक एयर इंडिया ने विमानों को रद्द किया
हमास के रॉकेट हमले के बाद गंभीर हालात को देखते हुए नई दिल्ली से तेल अवीव के लिए एयर इंडिया की उड़ान और तेल अवीव से नई दिल्ली वापस आने वाली उड़ान रद्द कर दी गई। एयरलाइन के मुताबिक, यात्रियों और क्रू के हितों और सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। हमास आतंकियों का इजराइलियों पर हमले के बारे में एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 07 अक्टूबर, 2023 को दिल्ली से तेल अवीव के लिए एयर इंडिया की उड़ान और तेल अवीव से दिल्ली की वापसी उड़ान संख्या- AI140 को रद्द किया गया है। फैसला हमारे मेहमानों और चालक दल के हित में लिया गया है। एयर इंडिया ने कहा कि यात्रियों को उनकी जरूरतों के अनुसार हर संभव सहायता दी जा रही है।
पश्चिमी देश इजराइल तो ईरान हमास के साथ
हमास और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर दुनियाभर से प्रतिक्रिया आ रही हैं। पश्चिमी देशों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने हमास के हमले की निंदा की है। वहीं ईरान ने हमास का समर्थन किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन किया
हमास के हमलों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फोन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका इजराइलियों के साथ खड़ा है। इस्राइल के प्रधानमंत्री का कार्यालय से जारी बयान में कहा गया, राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका इजराइलियों के आत्मरक्षा के अधिकार का पूरा समर्थन करता है।
किस ने क्या कहा?
यूक्रेन– यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने हमास के हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा- हम इस जंग में इजराइल के साथ हैं। उन्हें अपनी और अपने नागरिकों की रक्षा करने का हक हैं।
ब्रिटेन– प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि मैं हमास के हमले से हैरान हूं। इजराइल को अपनी सुरक्षा का पूरा अधिकार है।
फ्रांस– राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि दुख की घड़ी में वो हमास के हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के साथ हैं।
यूरोपियन यूनियन– यूरोपियन यूनियन की चीफ उर्सला ने कहा है कि इजराइलियों को जवाबी कार्रवाई का पूरा हक है। हिंसा को रोकना जरूरी है।
अमेरिका– डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि वो इस बात का ध्यान रखेंगे की इजराइल को अपनी सुरक्षा में किसी तरह की कमी न रहे।
ईरान– सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई के एडवाइजर ने कहा है कि हम फिलिस्तीन के इजराइलियों पर किए अटैक का समर्थन करते हैं।
कतर– कतर ने इजराइलियों को फिलिस्तानी लोगों के साथ हिंसा करने का जिम्मेदार ठहराया है ।
तुर्किये और रूस– दोनों ही देशों ने किसी की साइड न लेते हुए कहा है कि मसले का हल बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए।
इजराइल पर हुए हमले की तस्वीरें…
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
इजराइल और मिस्र के बीच में गाजा पट्टी है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।
इजराइली हमले में 3 महीने पहले 12 फिलिस्तीनियों की मौत हुई थी
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जेनिन शहर में 2 दिन के ऑपरेशन में करीब 12 फिलिस्तीनियों की मौत हुई थी। इस रेड के दौरान एक इजराइली सैनिक की भी मौत हो गई थी। इस बीच तेल अवीव में एक हमास सपोर्टर अपनी कार लेकर बस स्टॉप में घुस गया और लोगों पर चाकू से हमला करने लगा था।
हमास: कैसे और क्यों बना
- 1948 में इजराइल के जन्म के बाद भी फिलिस्तीन से उसका संघर्ष हर स्तर पर जारी रहा। इजराइलियों को जब लगा कि डिप्लोमैटिक लेवल पर वो फिलिस्तीन के सामने कमजोर पड़ रहा है, तो 1970 के दशक में उसने फिलीस्तीन के एक कट्टरपंथी संगठन को उदारवादी फिलिस्तीन नेताओं के विरोध में खड़ा कर दिया। इसको नाम दिया गया हमास। हालांकि, हमास की औपचारिक स्थापना 1987 में मानी जाती है।
- इजराइल के पूर्व जनरल यित्जाक सेजेव ने कहा था- जहर से जहर मारने की यह नीति एक ऐतिहासिक गलती थी। इजराइली सरकार ने मुझे हमास के लिए बजट भी दिया था। इसका अफसोस हमें आज भी है। सेजेव 1980 के दशक में गाजा के गवर्नर भी रहे।
- हमास ने फिलिस्तीन के लिबरल लीडरशिप को धीरे-धीरे किनारे कर दिया और खुद फिलीस्तीन आंदोलन का झंडाबरदार बन गया। इसमें 90% युवा फिलिस्तीनी हैं।
- हमास को तुर्किये और कतर से फंडिंग मिलती है। हमास के एक नेता खालिद मेशाल ने तो कतर में इसका दफ्तर भी खोला था। ईरान भी हमास को हथियार और पैसा देता है। हालांकि, ईरान शिया मुल्क है, जबकि अरब वर्ल्ड सुन्नी है।
हमास में करीब 27 हजार लोग हैं
- ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के मुताबिक, हमास में करीब 27 हजार लोग हैं। इन्हें 6 रीजनल ब्रिगेड में बांटा गया है। इसकी 25 बटालियन और 106 कंपनियां हैं। इनके कमांडर बदलते रहते हैं।
- हमास में 4 विंग हैं। मिलिट्री विंग के चीफ हैं- इज अद-दीन अल कासिम। पॉलिटिकल विंग की कमान इस्माइल हानिया के हाथों में हैं। इस विंग में नंबर दो पर हैं मूसा अबु मरजूक। एक और नेता हैं खालिद मशाल। इंटरनेशनल अफेयर्स के लिए यह मुस्लिम ब्रदरहुड पर निर्भर है। एक सोशल विंग भी है।
- इजराइलियों के उन हिस्सों पर कब्जा करना, जिनमें ज्यादातर फिलीस्तीनी हैं। एक स्वतंत्र देश के रूप में खुद को स्थापित करना।
- कई साल बाद अब हमास इजराइल को परेशान कर पाया है। इसके सदस्य आम लोगों की भीड़ में शामिल होकर इजराइली सैनिकों पर हमले करते हैं। इजराइल की ताकत के चलते अब ज्यादा मदद नहीं मिल पा रही। हर बार झड़प में हमास को ही नुकसान हुआ।